तीर्थंकर प्रभु महावीर को पालने में झुलाते हुए दादावाड़ी पहुंचे माता त्रिशला के 14 स्वपनो के दर्शन करवाए केसरिया छापे लगाए

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रतलाम जिले के बड़ावदा में पर्यूषण पर्व के दौरान पंचम दिवस बुधवार को यहां चरम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्री आदिनाथ जिन मंदिर में भगवान की मनमोहक अंगरचना नवयुवक मंडल द्वारा की गई। श्री महावीर मंगल परिसर में जन्म वाचन का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान बच्चों आदि ने कई प्रस्तुतियां दी।माता त्रिशला के 14 स्वपन के दर्शन कराए गए।


स्वाध्याय दर्पण भाई पसाद ने कल्पसूत्र वाचन करते हुए त्रिशला माता की कुक्षी से भगवान महावीर के जन्म होने की उद्घोषणा की तो समाजजन झूम उठे। परिसर त्रिशला नंदन वीर की, जय बोलो महावीर की..आदि नारो से गुंज उठा। दर्पण पसाद,
दर्शन टाटिया,मोक्षित धोका ने स्तवन प्रस्तुत किया।

जन्म वाचन के बाद मंदिर जी में भगवान के प्रथम दर्शन का लाभ संपत बाई जुहार मल सकलेचा परिवार ने लिया।
श्री आदिनाथ जिन मंदिर में महाआरती उतारी गई। जिसका लाभ अशोक मांगीलाल सकलेचा, अशोक राजमल सकलेचा, सुशील मोहनलाल सकलेचा , राकेश कुमार कांतिलाल चत्तर, रजत कुमार देवेंद्र सांड, कनकमल सोरभ सकलेचा परिवार ने लिया। उसके बाद लाभार्थी ज्ञानचंद मूणत परिवार द्वारा सभी को केशरिया छापे लगाए गए।

पंजेरी, खोपरे की प्रसाद बाटी गईं। सभी ने एक दूसरे को महावीर जन्म वाचन की बधाई दी। शिरीष सकलेचा ने बताया कि भगवान महावीर को पालने में विराजित कर झुलाया गया। सभी समाजजन नाचते झूमते पालना जी लिए दादावाड़ी पहुंचे


जिसके लाभार्थी कनकमल सकलेचा परिवार रहे। रात्रि में प्रभु भक्ति का आयोजन विशेष रूप से हुआ। स्थानक वासी समाज द्वारा भीं समता भवन पर जन्म वाचन का आयोजन हुआ। श्री जय शेखर धाम दादावाड़ी पर गुरुवार को जन्म वाचन का कार्यक्रम होगा।
बड़ावदा से शिरीष सकलेचा की रिपोर्ट

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