UPSC की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को कोचिंग करने के पहले, कोचिंग से जुड़ने के दौरान एवं कोचिंग करने के बाद एक सलाह अवश्य दी जाती है कि NCERT की पुस्तकें अवश्य पढ़ें। क्या है NCERT की पुस्तकों में ख़ास कि सम्पूर्ण तैयारी के सफ़र में इन पुस्तकों को पढ़ने पर इतना जोर दिया जाता है। इस विषय पर चर्चा के लिए आज हमारे साथ हैं संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर श्री ए. के. अरुण सर।
ए. के. अरुण सर अर्थव्यवस्था पढ़ाते हैं। UPSC की तैयारी के क्षेत्र में सर का पूरे भारत में कोई विकल्प नहीं है। सर वर्तमान समय में संस्कृति IAS कोचिंग में पढ़ा रहे हैं, जो UPSC की तैयारी कराने वाली देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था है। चूँकि सर्वाधिक चयन इस संस्था से होते हैं। खासकर हिन्दी माध्यम से चयनित लगभग हर विद्यार्थी का सम्बन्ध इस संस्था से अवश्य होता है।
सर से पहला प्रश्न था कि अभ्यर्थी UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की शुरुआत कैसे करें?
सर ने बताया कि UPSC की तैयारी की शुरुआत का सबसे अच्छा तरीका है कि शुरुआती कक्षाओं की NCERT की पुस्तकों से अध्ययन करें। इन पुस्तकों में न समझ आने वाला कुछ नहीं होता है। इन पुस्तकों को जब आप निरंतरता में पढ़ते रहेंगे तो ये आपकी धीमी गति से समझ को विकसित करेंगी।
सर से अगला प्रश्न था कि NCERT की पुस्तकों को पढ़े बिना सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग करना कितना सही है?
सर ने कहा कि सलाह यही दी जाती है कि NCERT की कुछ आधारभूत पुस्तकों को पढ़कर ही कोचिंग संस्था में एडमिशन लें। होता यह है कि अधिकांश अभ्यर्थी बिना इन पुस्तकों के अध्ययन के कोचिंग आरम्भ कर देते हैं। इसीलिए हमारी संस्था ने NCERT की पुस्तकों के अध्ययन के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित किया है। इस कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थियों को पढ़ने के लिए NCERT की सभी आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती है। इन पुस्तकों के आधार पर अभ्यर्थियों का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाता है।
प्रश्नों के क्रम में सर से प्रश्न था कि सर जानना चाहता हूँ कि इन पुस्तकों की खासियत क्या है, जो अभ्यर्थियों के लिए इतनी आवश्यक बनी हुई है?
सर ने जबाव में कहा कि NCERT की यह पुस्तकें अभ्यर्थी की नींव मजबूत करती हैं और आधार देती हैं अध्ययन को सम्पूर्णता देने का। सर ने इन पुस्तकों की कुछ खासियतें साझा की है, जिसे अध्ययन की सुविधा के लिए बिन्दुवार नीचे लिखा गया है-
• पुस्तकों की सहज भाषा एवं आसान शब्दावलियाँ हैं।
• उदाहरणों एवं व्यावहारिक जीवन से जोड़कर विषय को समझाया जाता है।
• विषय की तकनीकी शब्दावलियों की बेहतर प्रस्तुति होती है।
• विषय-वस्तु की स्पष्टता के लिए चित्रात्मक प्रस्तुति की गई है।
• अध्याय के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्नों से आलोचनात्मक समझ भी विकसित होती चलती है।
• पुस्तकों में दी गई सूचनाएँ एवं तथ्य प्रमाणिक होते हैं।
• ये पुस्तकें स्टैण्डर्ड पुस्तकों को पढ़ने का आधार प्रदान करती हैं।
अंतिम प्रश्न में सर से पूछा- आपने कहा कि ये पुस्तकें अध्ययन को आधार प्रदान करती हैं तो कोचिंग के बाद इन पुस्तकों की उपयोगिता कितनी रह जाती है?
सर ने कहा कि कोचिंग में आपको विषय को बेहतर ढंग से समझा दिया जाता है। ये स्वयं प्रयास करना होता कि इस समझ को लेखन में कैसे उतारें। इसके लिए NCERT की पुस्तकें बहुत मदद करती हैं। ये पुस्तकें अभ्यर्थियों के लिए तैयारी के अंतिम क्षण तक महत्व रखती हैं।
आज के इस लेख में NCERT की पुस्तकों के महत्त्व को समझा है। आशा की जाती है यह जानकारी आपकी सफलता में सहायक साबित होगी।