सैलाना। इस अंचल के विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों में सफलता पाने के लिए प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं की कोचिंग आवश्यक होती है इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निशुल्क कोचिंग सुविधा का स्थानीय स्तर पर होना आवश्यक है जब आप सफल जीवन के तीन उद्देश्यों अध्ययन, ज्ञान और सेवा पर अमल करेंगे तब आप अपने जीवन को सार्थक बना पाएंगे क्योंकि अध्ययन से ज्ञान बढ़ता है ।ज्ञान से पद प्राप्त होता है। पद आपको इज्जत, पैसा सभी देता है और इस पद और पैसे से आप समाज की सेवा कर सकते हैं ।
उक्त उद्बोधन विधायक कमलेश्वर डोडियार ने शासकीय महाविद्यालय सैलाना में निशुल्क कोचिंग क्लासेस के उद्घाटन अवसर पर दिया । उन्होंने कहा कि इन क्लासों के लिए मेरी ओर से फैकेल्टी ,लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर आर पी पाटीदार ने भी विधायक महोदय के इस पवित्र यज्ञ में महाविद्यालय परिवार के सहयोग का आश्वासन दिया ।
कार्यक्रम में अग्रणी महाविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉक्टर विनोद शर्मा ने कहा कि सफलता के लिए हमें अपने आप को पूर्ण समर्पित कर देना होगा क्योंकि हमें एक ही पद चाहिए होता है चाहे फिर कितने ही पद निकले हो । आपकी सफलता के लिए पीएससी स्टाफ से भी मोटिवेशन दिलवाने का प्रयास किया जाएगा । जनभागीदारी समिति अध्यक्ष दिनेश कुमावत आसरा ने इस कोचिंग क्लास की मदद से छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की । जनपद सीईओ गोवर्धन मालवीय ने अपने सफर और यहां तक पहुंचने की बात कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया ।
वहीं मॉडल स्कूल के छात्रावास अधीक्षक श्री मनीष ने भी छात्रों को प्रेरणादाई उद्बोधन से अपना भविष्य निर्माण करने की सलाह दी । पूर्व छात्र चंदू मईड़ा ने भी विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया। डॉ अशोक रावत ने भी बच्चों को अपने जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही ।कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति गणितज्ञ बजरंग सर की रही जिन्होंने विद्यार्थियों से समय प्रबंधन की बात की और कहा कि बिना प्रतियोगी परीक्षाओं के हम कोई स्थान प्राप्त नहीं कर सकते।
बजरंग सर ने आज कोचिंग क्लास की प्रथम कक्षा भी ली । पूर्व छात्र सांवरिया निनामा भी इस अवसर पर उपस्थित थे । कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकगण , कार्यालयीन स्टाफ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालक डॉक्टर सौरभ ई लाल ने किया तथा आभार प्रो अनुभा कानड़े ने माना।