नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे अरशद वारसी को ISIS जैसे खूंखार आतंकी संगठन से जुड़े होने पर और देश में आतंकी हमले की प्लानिंग करने के आरोप में कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद अरशद वारसी का दिल्ली दंगा कनेक्शन भी सामने आया है. माना जा रहा है कि सीएए- एनआरसी (CAA-NRC) प्रोटेस्ट के दौरान दिल्ली में हुए दंगों की साजिश में आतंकी अरशद वारसी की बड़ी भूमिका थी. सिर्फ यही नहीं, शाहीनबाग को प्रोटेस्ट साइट बनाने में भी अरशद वारसी की बड़ी भूमिका थी.
पुणे पुलिस कस्टडी से फरार 3 लाख के इनामी और NIA के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज को दिल्ली में पनाह दिलवाने वाला और उसके साथ आतंकी हमले की साजिश रचने वाला जामिया में पीएचडी स्टूडेंट अरशद वारसी ही था. अरशद वारसी से पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज तक पहुंची थी.
अरशद वारसी 2 अक्टूबर को हुआ गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने देश में 26/11 से बड़ा हमला करने की साजिश रचने के आरोप में 2 अक्टूबर को 3 लाख के इनामी आतंकी शाहनवाज को गिरफ्तार किया था. उसके साथ रिजवान और अरशद वारसी को भी गिरफ्तार किया था. स्पेशल सेल के मुताबिक अरशद वारसी दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है, साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में अरशद वारसी की बड़ी भूमिका थी. अरशद वारसी और शरजील इमाम दोनों ने मिलकर दिल्ली दंगों के लिए जमीन तैयार की थी.
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स्टूडेंट ऑफ जामिया ग्रुप बनाया था
स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश को लेकर UAPA के तहत अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. दंगों की साजिश को लेकर की गई जांच के दौरान अरशद वारसी का नाम सामने आया था जिसका जिक्र चार्जशीट में भी है. चार्जशीट के मुताबिक सीएए- एनआरसी प्रोटेस्ट के लिए शरजील इमाम, उमर खालिद और अरशद वारसी ने अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप और संगठन बनाए थे, जिसमें स्टूडेंट ऑफ जामिया नाम का एक ग्रुप दंगों के पहले 2019 में बनाया गया था. चार्जशीट के मुताबिक स्टूडेंट ऑफ जामिया (Student Of Jamia) एक कट्टरपंथी, सांप्रदायिक ग्रुप था जिसे अरशद वारसी ने बनाया था.
शरजील इमाम के साथ संपर्क में था
अरशद वारसी जेएनयू के छात्र और दंगों की साजिश के आरोपी भारत के नक्शे का चिकन नेक काटने जैसे भाषण देने वाले शरजील इमाम के साथ सीधा संपर्क में था. अरशद वारसी ने शरजील इमाम के साथ मिलकर सीएए- एनआरसी के दौरान दिल्ली की तमाम मस्जिदों में, तमाम मुस्लिम इलाकों में भड़काऊ पैंफलेट बांटे थे. जिसमें बाबरी मस्जिद का फैसला आने पर चक्का जाम करने और विरोध प्रदर्शन करने की मुसलमानों से अपील की थी.
“तेरा मेरा रिश्ता क्या है, ला इलाहा इल्लालाह” दिया था नारा
अरशद वारसी ने फैसबुक पर लिखा था, ‘ला इलाहा इलल्लाह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है.’ अरशद वारसी ने CAA-NRC प्रोटेस्ट को पूरी तरह से सांप्रदायिक बनाते हुए नारा दिया था, “तेरा मेरा रिश्ता क्या है, ला इलाहा इल्लालाह.” पहली बार ये नारा शाहीनबाग विरोध स्थल पर तब लगा था जब शशि थरूर पहुंचे थे. चार्जशीट में अरशद वारसी की शरजील इमाम के साथ रिकॉर्ड बातचीत भी है. जिसमें अरशद वारसी और शरजील इमाम भीड़ जुटने की, मस्जिदों और मुस्लिम इलाकों में भीड़ जुटाने की, कुछ बड़ा करने की बातें कर रहे हैं. दोनों बाबरी मस्जिद फैसले और CAA -NRC की आड़ में भड़काऊ पैंफलेट बांटने को लेकर बातचीत कर रहे हैं.
अरशद वारसी ने फेसबुक पर लगातार बाबरी मस्जिद के सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को लेकर कई पोस्ट किए थे. आतंकी साजिश के आरोप में गिरफ्तार अरशद ने पूछताछ में बताया है कि वो 2016 से सांप्रदायिक है वो शाहनवाज को काफी पहले से जानता था. दोनों मिलकर आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे.
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Tags: CAA-NRC, Delhi Violence, NIA
FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 12:28 IST